अक्षर और आखर में कोई फर्क नही। विषय अलग-अलग होते हैं, किसी को पहले पसंद तो किसी को बाद में। महत्व हर विषय का होता है। इनके बारे में एक संवाद हो तो बात बने। और यह संवाद होता है, अक्षरों के जरिए। सभी के अक्षर, सभी के आखर। हम सब का आखर.....
Tuesday, 9 June 2009
छमा....
छमा प्रार्थी हूँ। महीनों से कुछ लिख नही पाया हूँ । कुछ वक्त और नही लिख पाउँगा। स्नेह .... शुभाषीश... ।
5 comments:
आराम से आयें, यहीं ठहरे हैं इन्तजार में. :)
Aha..
Udan Tashtari...
Aap ne to mera kaleja thanda kar diya. Dil par se Itna bhari bojh hat gaya.
Iishwar aap ko swastha aur khush rakhe.
prabhu jalikhoge tab padenge.......
Hi dear,
missing my old days enjoyed with ur company in IIMC.
HOPING FOR ALL UR GOODNESS.
Thank you Marindar.
You were special throghout the class.
Will alyaws be...
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