Monday 1 September, 2008

" जय श्री राम ..... आज के मुख्य समाचार " " क्या एक पत्रकार को धर्मनिर्पेक्ष होना चाहिए ?"


टेलीविजन पर एक समाचार वाचिका आए और बोले," पार्वती माता की जय.... आप देख रहे हैं आज के मुख्य समाचार ...!" तो आपको कैसा लगेगा ? एक अन्य सज्जन बढ़ी दाढ़ी और सिर पर गोल चोटी टोपी ओढे कहे, " अस्सलाम वालेकुम.........अल्ला के फजल-ओ-करम से आप सुन रहे हैं आज की ताज़ा खबरें ....... मैं हूँ मौलवी अमानउल्ला ...! " तो आप उसे क्या कहेंगे ? एक पत्रकार या धार्मिक पत्रकार ?

पत्रकार का काम खबरें देना और उन ख़बरों की व्याख्या करना है। उसमें समाज के हित से जुड़ा निष्पक्ष नजरिया पेश करना बहुत जरुरी होता है। एक पत्रकार को क्या धर्मनिर्पेक्ष ही होना चाहिए ? धर्मनिर्पेक्ष पत्रकार अगर किसी राजनीतिक दल के प्रति अपनी निष्ठा जाहिर करता है तो क्या वह एक धार्मिक पत्रकार से बेहतर है ?

यह सवाल केवल धर्मनिर्पेक्षता का ही नहीं वरन उसके द्रष्टिकोण का है । अपने घर में एक पत्रकार नमाज पढ़े या हनुमान चालीसा, यह उसका निजी निर्णय है। यह उसके पत्रकारिता धर्मं की नैतिकता और मूल्यों के आड़े नहीं आता हैं।

एक मुसलमान पत्रकार हज पर जाने वाले श्रद्धालुओं पर धार्मिक जानकारीनुमा श्रृंखला तैयार करता है। और दूसरा खली की पूर्वनियोजित हार का एक घंटे तक विश्लेषण करता है। .......दूसरे पत्रकार की धर्मनिरपेक्षता क्या सम्मान करने योग्य है ?

वँही हज के प्रति पूर्व से श्रद्धान्वित पहला पत्रकार ...... हज पर जाने वालों की मनोदशा , रहन सहन , सरकारी सब्सिडी और उनका धार्मिक इतिहास बताता है....तो उसका धार्मिक होना भी पत्रकारिता को बेदाग़ रखता है।

पत्रकार का धर्मं उसका पूर्वाग्रही नहीं होना है। उसकी निष्पक्ष विश्लेषणपरकता , उसके धार्मिक होने पर भी उसे धर्मनिरपेक्ष ही साबित करती है। हर धर्म में विश्वास रखने वाला व्यक्ति अपने धर्मं से सीख सकता है कि अपने कर्म को कैसे सबसे ऊपर रखकर चला जाए । विपरीत परिस्थितियों में उसका धर्मं ही उसके ईमान को विचलित होने से रोकता है। जनहितकारी पत्रकारिता में उसका धार्मिक विश्वास ही उसका अंगरक्षक होता है।

5 comments:

फिलम सिनेमा said...

Hello . you do have your own point of view about this issue.a journalist should be secular or not?

you have some rightes but this wider issue cannot be restricted to only one example. try and elaborate the subject further.

Nice reading your blog.
best wishes.

meri marzi said...

achha likha hai, lekin yaar tum ek baat se dusri baat par bahut jaldi jump karte ho. thoda thehrav lao.
tark bahut karto ho lekin usse elaborate to karo.
iss topic ko in chand shabdo mei nahi sameta ja sakta. ye kam hai. agar elaborate karego to apne aap hi bada ho jayega.

Unknown said...

Your topic is nice but your vision is not clear for that, I think a journalist is secular it is not important but important point is what kind of reader in that area.

shivram said...

ek journalist ko secular hona chahiye but dharma-nirpeachh nahia.kyunki secularism aur dharma-nirppeachhe main difference hain.esko aapne point-out nahi kiya.fir bhi acchi kosis ki hain. thankx.............

Mnews India said...

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